Thursday, October 28, 2021

किया है उसने दिल मेरे नाम,

किया है उसने दिल मेरे नाम,
किया है उसने दिल मेरे नाम,
उसकी सहेली आई है अब लेकर ये पैगाम,
किया है उसने दिल मेरे नाम,
किया है उसने दिल मेरे नाम,
सामने मेरे जब आती है,
एक क़यामत ढा जाती है,
नज़र मिले तो घबराती है
खुद से ही शर्मा जाती है,
चुपके चुपके उसने पी लिया है ये जाम,
किया है उसने दिल मेरे नाम,
किया है उसने दिल मेरे नाम,
उसका चेहरा खिलता कँवल है,
मैं शायर वो मेरी ग़ज़ल है,
मेरा आज वो मेरा कल है,
मेरे लिए वो गंगाजल है,
वो मेरी राधा और मैं उसका घनश्याम,
किया है उसने दिल मेरे नाम,
किया है उसने दिल मेरे नाम...........................

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