Friday, October 4, 2019

तुम्हें बाँध सकूँ ये मेरे बस

तुम्हें बाँध सकूँ ये मेरे बस में नहीं है,

तुमसे बन्ध जाऊँ,

ये हसरत ज़रूर है !

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