Sunday, November 24, 2019

आकर मेरी मईय्यत पे

आकर मेरी मईय्यत पे जो मुस्कुरा जाओगे,
तड़पती हुयी रूह को बहला जाओगे,
बाद मरने के भी वजूद को मोहब्बत तुमसे है,
एक न एक दिन ये जान जाओगे। 
मेरी चाहत हो तुम इसलिए हँस देता हूँ, 
अपना आँचल तुम भी भिगो जाओगे।
अलविदा जिस्म ने किया था, 
ख्वाहिशें आज भी तुम्हें मांगती हैं,
किसी शाम तुम पहचान जाओगे,
मेरे न होने की परवाह नही मुझे,
अफसोस इतना सा है मैं नहीं हूँ,
जो बात मुझसे करते थे अब किसे बताओगे.........................

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