Sunday, December 15, 2019

पाकीज़ा मोहब्बत

एक पाकीज़ा मोहब्बत के तलबगार थे
आजमा कर देखते बहुत वफादार थे
हमने चाँद को अपने दामन में समेटना चाहा
शायद इसी ख्वाहिश के गुनेहगार थे

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