Friday, April 30, 2021

तुम्हारी बाहों के दायरों में

जाने ऐसी कौन सी बंदिश थी तुम में प्रिये, 
बहुत आज़ाद होते थे हम,
तुम्हारी बाहों के दायरों में.... 🚶🚶

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