Sunday, August 22, 2021

फ़ाक़ा-मस्ती

क़र्ज़ की पीते थे मय लेकिन समझते थे कि,
 हाँ
रंग लावेगी  हमारी  फ़ाक़ा-मस्ती  एक  दिन

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