Ek dhundhali si shaam se nikli kuch yaadein.......
"मेरे मन में जले हर दिए की कसम, आज तक जो किये उस किये की कसम, मैं जहाँ आस ले रोज बैठा रहा, लौट आओ उसी हाशिये की कसम"! 🚶🏼♂️🚶🏼♂️
No comments:
Post a Comment