हो गए दो रोज़ में,
आबाद भी बरबाद भी
अब तमन्ना है यही,
आए न उनकी याद भी वफ़ा जिनसे की,
बेवफ़ा हो गए वो वादे मोहब्बत के क्या हो गए....जो कहते थे हम को,
सदा हैं तुम्हारे ज़माने में सबसे,
जिन्हे हम थे प्यारे वो ही आज हमसे जुदा हो गए वो इतना बता दें,
कभी पास आके मिला क्या उन्हें है,
हमें यूँ मिटाके ख़ता क्या थी जो,
वो ख़फ़ा हो गए मेरे सामने भी अगर अब वो आएं न दिखेंगी उनको ये बेबस निगाहें वो जिनके लिए हम फ़ना हो गए................
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