Ek dhundhali si shaam se nikli kuch yaadein.......
न दौलतों की थी आरज़ू न शौहरतों की तलाश थी तेरे लबों पे मेरा ज़िक्र हो मुझे इन्हीं अल्फ़ाज़ की तलाश थी
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