Ek dhundhali si shaam se nikli kuch yaadein.......
शाम के करीब करीब साढ़े छे बज चुकें हैं .... उस रेस्टोरेंट में वो लंगड़ा लकड़ी का टेबल .... हम दोनों की कोहनियों को तरसता होगा ....
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