Thursday, April 18, 2019

हम दोनों की कोहनियों को

शाम के करीब करीब साढ़े छे बज चुकें हैं .... उस रेस्टोरेंट में वो
लंगड़ा लकड़ी का टेबल .... हम दोनों की कोहनियों को
तरसता होगा ....

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