हम तो तिनके चुन रहे थे आशियाने के लिए,
आपसे किसने कहा बिजली गिराने के लिए,
हाथ थक जायेंगे क्यूँ पीस रहे हो मेहँदी?
खून हाज़िर है हथेली पर लगाने के लिए.
इश्क को दर्द - ऐ - इश्क कहने वाले सुनो,
कुछ भी हो हमने ये दर्द - ऐ - इश्क ले लिया,
वो निगाहों से बच कर कहाँ जायेंगे,
अब तो उनके मोहल्ले में हमने घर ले लिया.
आये बन ठन के शामे सामने वो,
कब्र देखी जो मेरी तो कहने लगे,
अरे आज इतनी तो इसकी तरक्की हुयी
एक बेघर ने अच्छा सा घर ले लिया.
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