अभी तलाश मेरी ज़िन्दगी की बाकी है
मेरे नयन में कई ख्वाब अभी बाकी है
दूर जाऊं मैं भला कैसे अपने अक्शों से
रौशनी थोड़ी बहुत चांदनी में बाकी है
हार मैं तब तलक मानूंगा नहीं कि जब तक
आखिरी बूँद लहू की रगों में बाकी है
ज़ख्म खाए हैं मेरे दिल ने कई बार मगर
नयन में आंसुओं की धार अभी बाकी है
मैं वो पथिक नहीं जो रास्ते में थक जाये!
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