Tuesday, April 2, 2019

तलाश मेरी ज़िन्दगी

अभी तलाश मेरी ज़िन्दगी की बाकी है

मेरे नयन में कई ख्वाब अभी बाकी है

दूर जाऊं मैं भला कैसे अपने अक्शों से

रौशनी थोड़ी बहुत चांदनी में बाकी है

हार मैं तब तलक मानूंगा नहीं कि जब तक

आखिरी बूँद लहू की रगों में बाकी है

ज़ख्म खाए हैं मेरे दिल ने कई बार मगर

नयन में आंसुओं की धार अभी बाकी है

मैं वो पथिक नहीं जो रास्ते में थक जाये!

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