बिछड़ जाना बेशक....
लेकिन उससे पहले मुझे अपनी इक रात दो
जब पहाड़ों की भीगी दूब पर लेटकर तुम्हारे संग
मैं सितारे गिनूँ
बरसों बाद हो कोई चाँद रात
लेकिन मैं केवल
तुमको तकूँ
तुम्हारे सीने पर सो जाऊँ रख कर सिर
और फिर
कभी ना जगूँ
बिछड़ जाना बेशक....
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