Monday, January 20, 2020

कहीं वो आ के मिटा दें न इंतिज़ार का

कहीं वो आ के मिटा दें न इंतिज़ार का लुत्फ़,
कहीं क़ुबूल न हो जाए इल्तिजा मेरी..l

No comments:

Post a Comment