Thursday, January 23, 2020

बेशक मेरे शहर से तेरी गुज़र ना

बेशक मेरे शहर से तेरी गुज़र ना हो,
तू शहर को छोटा समझती हो,
आके देखना मेरे दिल की गलियों में,
हर गली के हर हिस्से में तेरा खुद का मकाँ है.........

समर्पित

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