Thursday, January 9, 2020

मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा

मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।
चाहता हूँ डूबना शराब ए ग़म में,
परवरदिगार हैँ कि पीने नहीं देते।
ख़ूब चाहता हूँ ठीक करना मगर
चाक गिरेबाँ लोग सीने नहीं देते।

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