Wednesday, February 13, 2019

लबों से लब

उन दिनों कहाँ सरेआम लबों से लब मिलते थे,
चाँद को चूमते थे उधर वो,
इधर हम चूमते थे...!🚶🏼‍♂️🚶🏼‍♂️

No comments:

Post a Comment